जयपुर शहर का ह्रदय सिटी पैलेस का इतिहास | City Palace Jaipur – Timings, Entry Fee, Ticket, Museum & Photos:- सिटी पैलेस राजस्थान राज्य के ज़िले में स्थित है। जो व्यक्ति बहुत ज्यादा घूमते है। जिन्हें नई -नई जगहों के बारे में जानने की रूचि है या फिर जिन्हें घुमना पसंद है। तो आज का यह लेख उन लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होने वाला है।
आपको इससे बहुत कुछ रखने को मिलेगा। इसलिये मेरा आपसे अनुरोध है कि इस लेख को पूरा जरूर पढ़िए। जैसा कि आप सभी जानते है कि भारत अपने पर्यटन स्थलों के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। भारत में बहुत से ऐसे प्राचीन मंदिर, महल, किले है जिनसे भारत के इतिहास का पता चलता है।
आज हम आपको एक ऐसे ही स्थान के बारे में बताने जा रहे है जो कि अपनी सुंदरता व संरचना के लिए भारत में ही नही अपितु सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है। जिसका नाम है – सिटी पैलेस। इस लेख में आपको सिटी पैलेस से सम्बंधित पूरी जानकारी प्राप्त होगी। तो चलिये शुरू करते है।
सिटी पैलेस जयपुर | City Palace Jaipur
सिटी पैलेस, राजस्थान राज्य के जयपुर शहर में स्थित है। सिटी पैलेस जयपुर, राजस्थान का सबसे प्रसिद्ध तथा ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है। यह जयपुर की प्रसिद्ध विरासत है। यह महल जयपुर शहर के बिल्कुल बीचों-बीच स्थित है। सिटी पैलेस के एक छोटे से भाग को संग्रहालय व आर्ट गैलरी बना दिया गया है।
इस महल में चंद्र महल व मुबारक महल भी है। यहाँ पर बहुत से पर्यटक इसे देखने आते है। शाही वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य ने अंग्रेज़ शिल्पकार सर सैमुअल स्विन्टन जेकब के साथ मिलकर आधुनिक जयपुर शहर की रचना तैयार की थी।
उनकी रचना के अनुसार आधुनिक जयपुर शहर में सुरक्षित, सुंदर, सुसज्जित व सभी सुविधाओं से भरपूर महलों का निर्माण था।सिटी पैलेस की रचना भी उन्होंने ही तैयार की थी। इसी कारण सुरक्षा को देखते हुए सिटी पैलेस को जयपुर शहर के केंद्र में बनाया गया।
यह महल जयपुर के सबसे सुंदर महलों में से एक है। इस महल में राजपूत व मुगल शैली की वास्तुकला का एक बेहद ही खूबसूरत मिश्रण है। सिटी पैलेस का परिसर ऊँची पहाड़ियों पर बना हुआ है और यह आमेर से दक्षिण दिशा की तरफ 5 मील की दूरी पर है।
सिटी पैलेस जयपुर का इतिहास | City Palace Jaipur History in Hindi
सिटी पैलेस का निर्माण कछवाहा वंश के शासक सवाई जय सिंह द्वितीय ने सन 1729-32 ई. के मध्य करवाया था। महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने जयपुर शहर पर सन 1699 से 1744 ई. तक शासन किया किया था।
उन्होंने महल की दीवारों का निर्माण काफी एकड़ क्षेत्र में करवाया। महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय आमेर के राजा थे और वें आमेर से ही जयपुर शहर पर शासन करते थे। आमेर व जयपुर शहर के बीच की दूरी 11 किलोमीटर है।
सन 1727 में आमेर की जनसँख्या बहुत ही तेजी से बढ़ गयी थी और वहाँ पानी की कमी होने लगी थी। इस कारण सवाई जय सिंह द्वितीय ने वास्तुशास्त्रानुसार आमेर शहर को 6 अलग-अलग भागों में बाँटने की योजना बनाईं।
महाराजा ने यह योजना वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य से सलाह लेकर बनाई थी। विद्याधर भट्टाचार्य एक बंगाली वास्तुकार थे जो की नैनीताल के रहने वाले थे।
पहले ये आमेर के ख़ज़ाने के लेखकर्ता थे और ये ख़ज़ाने का हिसाब रखते थे। कुछ समय बाद इनको आमेर का मुख्य वास्तुकार पद प्राप्त हुआ।
सिटी पैलेस जयपुर की बनावट व संरचना | City Palace Jaipur Architecture & Structure
सिटी पैलेस जयपुर शहर के केन्द्र में स्थित है तथा यह जयपुर के उत्तर-पूर्व भाग में स्थित है। सिटी पैलेस में प्रवेश करने के लिए यहाँ मुख्यतः 3 दरवाज़े है।
- त्रिपोलिया गेट (द्वार):- इस गेट/दरवाज़े से सिर्फ शाही परिवारों के सदस्य ही प्रवेश कर सकते है।
- उदयपोल गेट (द्वार):- इस दरवाज़े से केवल सामान्य जनता व यात्री ही प्रवेश कर सकते है।
- वीरेन्द्रपोल गेट (द्वार):- इस दरवाज़े से प्रवेश करने पर यह दरवाजा सीधा मुबारक महल तक ले जाता है। इस दरवाज़े से भी सामान्य व्यक्ति प्रवेश कर सकते है।
सिटी पैलेस में बहुत सी ऐतिहासिक धरोहर है, जो कि निम्न है-
मुबारक महल | Mubarak Mahal
मुबारक महल का निर्माण 19वीं सदी के अंत में सवाई माधो सिंह ने करवाया था। मुबारक महल 2 मंजिला ईमारत है जिसका निर्माण मेहमानों के स्वागत करने के लिए किया गया था इसलिए इसको स्वागत महल भी कहते है।
इस महल में राजूपत, इस्लामिक व यूरोपीय शैलियों का प्रभाव दिखाई देता है। सिटी पैलेस में एक संग्रहालय भी है। मुबारक महल के दायीं तरफ एक 2 मंजिला इमारत पर एक विशाल घड़ी है। इस महल की दूसरी मंजिल पर इस महल के प्रशासनिक अधिकारी कार्य करते है।
पहली मंजिल पर संग्रहालय है। जिसमें शाही परिवार के सदस्यों के कपड़ें तथा अन्य वस्तुएं है। यहाँ पर सवाई माधो सिंह प्रथम के वस्त्र भी मौजूद है। उनकी कुल 108 रानियां थी। उनके वस्त्रों की चौड़ाई 1.2 मीटर व वजन 250 किलोग्राम है।
मुबारक महल के पश्चिम की तरफ महाराजा सवाई भवानी सिंह गैलरी है तथा उत्तरी-पश्चिमी कोने के बरामदे में कई कलाकार कठपुतलियों के द्वारा अपने करतब दिखाकर पर्यटकों का मनोरंजन करते है। इस महल के उत्तरी बरामदे में सिलहखाना है जहाँ पर हथियार रखे जाते है।
यहाँ पर इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया द्वारा महाराजा राम सिंह को भेंट की गयी तलवार भी मौजूद है। इस इमारत के दक्षिण-पश्चिम में सिंहपोल गेट है जो की चाँदनी चौक में जाता है। इस गेट से किसी का प्रवेश मान्य नही है।
चंद्र महल | Chandra Mahal
चंद्र महल को चंद्र निवास भी कहते है। यह एक 7 मंजिला इमारत है। इस महल के पश्चिमी कोने पर एक बेहद खूबसूरत बाग ओर एक झील है। इस महल में अनेक आकर्षक चित्र व दीवारें बनाई गयी है। चंद्र महल की सभी मंजिलों को अपना अलग-अलग नाम दिया गया है। जो निम्न है-
रंग महल |
प्रीतम निवास |
मुकुट मन्दिर |
चाबी निवास |
सुख निवास |
श्री निवास |
चंद्र महल में प्रवेश एक सुंदर मोर द्वार से होकर किया जाता है। यहाँ से जयपुर शहर को देखा जा सकता है। चंद्र महल में जयपुर शासकों के रिश्तेदार रहते है। पर्यटकों को सिर्फ नीचे वाली मंजिल में ही घूमने की मंजूरी है।
यहां पर एक संग्रहालय है जिसमें शाही परिवारों की अनेक वस्तुएं दिखती है। चंद्र महल के ऊपर एक झंडा है जिससे शाही परिवार की मौजूदगी का पता चलता है।
प्रीतम निवास चौक | Pritam Niwas Chowk
प्रीतम निवास चौक, चंद्र महल के दक्षिण दिशा में स्थित है। इस चौक के चारों कोनों पर चार द्वार बने हुए है। इन द्वारों को रिद्धि-सिद्धि पोल कहा जाता है।
ये द्वार बहुत ही सुंदर व अद्भभुत कारीगरी दर्शातें है। इन दरवाज़ों को हिन्दू देवी-देवताओं को समर्पित किया गया है। ये चारों द्वार बनावट में समान है। ये चारों द्वार निम्न है:-
मोर द्वार | Peacock Gate
चौक के उत्तर-पूर्व की तरफ मोर द्वार है जो की सम्मोहित करने वाला है। इज़ द्वार पर नृत्य करते मोरों का बेहद शानदार चित्रण है। यह भगवान विष्णु को समर्पित द्वार है।
कमला द्वार | Kamla Gate
प्रीतम निवास चौक के दक्षिण-पूर्व की तरफ एक द्वार है जिसका नाम कमला द्वार है। इस द्वार को भगवान शिव व पार्वती को समर्पित किया गया है। इस द्वार पर कई चित्र बने हुए है जो कि ग्रीष्म ऋतु को दर्शाते है।
गुलाब द्वार | Rose Gate
कमला द्वार के सामने की तरफ व प्रीतम निवास चौक के दक्षिण-पश्चिम दिशा में गुलाब द्वार है। इस द्वार को यहाँ पर शासन करने वाले कछवाहा राजपूत शासकों की कुल देवी को समर्पित किया गया है।
लहरिया द्वार | Lahariya Gate
लहरिया द्वार को हरा द्वार भी कहा जाता है। इस द्वार पर हरे रंग व लहरिये की कलाकृति की गयी है जो की सावन का प्रतीक है।
दीवान-ए-खास | Diwan-I-Khas
दीवान-ए-खास को सर्वतोभद्र के नाम से भी जाना जाता है। यह एक खास जादुई कमरा है। यह मुबारक महल का मुख्य आकर्षण का केंद्र है। इस कमरें की छत को बहुत ही खास तरीके से सजाया गया है। इस समय इस कक्ष में प्राचीन चित्र रखे गए है।
यहाँ पर बहुत से प्राचीन चित्र है जिसमें राजस्थानी चित्र, मुगल व पर्शियन चित्र, प्राचीन शिलालेख व कश्मीरी कार्पेट मुख्य है। यहाँ पर राजा का शाही सिंहासन भी मौजूद है। जिसका उपयोग सार्वजनिक सभा के समय राजा की कुर्सी के रूप में होता था।
इस कक्ष के प्रवेश द्वार पर 2 विशाल हाथी की मूर्तियां है। इन्हें मार्बल पत्थरों से बनाया गया है। इस कक्ष के पूर्व में एक छोटा से दरवाजा है जो दीवान-ए-आम की तरफ जाता है।
दीवान-ए-आम | Diwan-I-Aam
दीवान-ए-आम को सभा निवास भी कहा जाता है। इसका निर्माण सार्वजनिक बैठकों व सम्मेलनों के लिए बनाया गया था। यह यहाँ के सबसे खास महल है। इस हॉल की सतह पर मार्बल लगे हुए है। दीवान-ए-आम की छत पर हीरे से बने झूमर लटके हुए है।
इस हॉल में चाँदी के बर्तन भी है जिनकी ऊँचाई 1.6 मीटर है और इन बर्तनों में 4000 लीटर पानी भरा जा सकता है। इन बर्तनों को बनाने में 14000 चाँदी के सिक्के लगे थे ओर इन्हें बिना टाँका लगाए बिना ही बनाया गया है। इनका वजन लगभग 340 किलोग्राम है।
इन बर्तनों का निर्माण सवाई माधो सिंह द्वितीय ने करवाया था। इनका नाम गंगाजली रखा गया था। इन बर्तनों का नाम विश्व की गिनीज वर्ल्ड बुक में भी है। इनके नाम दुनिया के सबसे बड़े चाँदी के बर्तन होने का विश्व रिकॉर्ड है।
सवाई माधो सिंह द्वितीय ने इन बर्तनों का निर्माण सन 1901 में इंग्लैंड यात्रा के बीच पीने के लिए गंगा का पानी ले जाने के लिए करवाया था। सवाई माधो सिंह द्वितीय एक पवित्र हिन्दू थे। उनके अनुसार अगर वो बाहरी देश के पानी का सेवन करते तो उनका धर्म भृष्ट हो जाता।
गोविन्द देवजी मन्दिर | Govind Devji Temple
गोविन्द देवजी मन्दिर, जयपुर शहर के परिसर में बना हुआ है। इस मन्दिर का निर्माण 18वीं सदी में हुआ था। यह मन्दिर हिन्दू भगवान श्री कृष्ण को समर्पित किया किया गया है। इस मन्दिर में यूरोपियन झूमर और भारतीय चित्र दार्शनिक है। इस मन्दिर की छत को सोने से सजाया गया है।
इस मन्दिर के आसपास एक बेहद सुंदर बाग है। गोविन्द देवजी मन्दिर को ऐसे स्थान पर बनाया गया है जहां चंद्र महल के परिसर से सीधा महाराजा इस मन्दिर को देख सकते थे। श्री गोविन्द देव भगवान को केवल आरती करते समय देखा जा सकता है। यहाँ पर दिन में 7 बार आरती की जाती है।
बग्गी खाना | Baggi Khana
सिटी पैलेस में बग्गी खाना एक ऐसी जगह है सभी प्रचीन काल की शाही परिवारों द्वारा उपयोग में ली जाने वाली पुरानी गाड़ियों, पालकियों व यूरोपीय टैक्सियों की झलक दिखाई देती है।
यहाँ पर बहुत सी गाड़ियां ओर वाहन है तथा इनके अलावा एक यूरोपीय बग्गी भी है जो वेल्स के प्रिंस ने यहाँ के महाराजा को सन 1876 ई. उपहार में दी थी। यह यूरोपीयन बग्गी विक्टोरिया बग्गी के नाम से प्रसिद्द है। यहाँ मौजूद दूसरी चीजों में महाडोल भी शामिल है।
यह बम्बू से बनी एक पालकी है। इस पालकी का इस्तेमाल पुजारियों को एक स्थान से दूसरेवस्थान पर ले जाने के लिए किया जाता था। इसके अलावा इस पालकी का उपयोग रथ-यात्रा के समय हिन्दू देवी-देवताओं के लिए किया जाता था।
महारानी महल | Queen Palace
महारानी महल की खासियत इस महल के नाम से ही पता चलता है। इस महल में महारानी रहती थी। इस महल की छत बहुत से कीमती पत्थरों ओर रत्नों से बनाई गयी है। अब यह महल एक संग्रहालय बन चुका है। इस महल में राज वंश के हथियार रखे गए है।
यहाँ मौजूद सभी हथियारों में से मुख्य कार्यात्मक कैची है। संग्रहालय में मौजूद अन्य बहुत से हथियार है जिनमें से एक तलवार है जिस पर पिस्तौल भी लगी हुई है। ऐसा कहा जाता है कि यह तलवार महाराजा सवाई राम सिंह को इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया ने तोहफे में दी थी।
सिटी पैलेस जयपुर का प्रवेश शुल्क | City Palace Jaipur Entry Fee
भारतीय पर्यटक | 100 रुपये |
भारतीय विद्यार्थी | 40 रुपये |
विदेशी पर्यटक | 30 रुपये |
फोटो कैमरा शुल्क | 50 रुपये |
वीडियो कैमरा शुल्क | 150 रुपये |
सिटी पैलेस जयपुर में प्रवेश समय | City palace Jaipur Timings
9:30 A.M. – 5:00 P.M. |
सिटी पैलेस जयपुर में प्रवेश अवधि | City Palace Jaipur Entry Timings
2-3 घण्टे |
सिटी पैलेस जयपुर के संपर्क नंबर | City Palace Jaipur Contact Number
+91-141-4088888 |
सिटी पैलेस जयपुर की वेबसाइट | City Palace Jaipur Official Website
www.msmsmuseum.com |
सिटी पैलेस जयपुर से निकटतम रेलवे स्टेशन | Nearest Railway Station From City Palace Jaipur
मेरता रोड़ जंक्शन रेलवे स्टेशन |
सिटी पैलेस जयपुर का पता | City Palace Jaipur Address
कँवर नगर, गुलाबी नगर, जयपुर, राजस्थान – 302002 |
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