नेताजी भवन (कोलकाता) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी | Netaji Bhawan (Kolkata) Complete Information in Hindi:- भारत प्राचीन संस्कृति वाला देश है। भारत का इतिहास उससे भी अधिक प्राचीन है। 18वीं शताब्दी में जब भारत देश अंग्रेजों का गुलाम था | उस समय भारत में चारों तरफ आक्रोश का माहौल रहता था। उस समय अंग्रेजों के विरोध में बहुत से क्रांतिकारी भी जन्म लिए।
आज हम जहां आजादी से अपना जीवनयापन कर रहे है। उस आजादी को प्राप्त करने के लिए भारत की भूमि में अनेकों क्रांतिकारियों का रक्त समाया हुआ है। उन क्रांतिकारियों में से एक “सुभाष चंद्र बोस” थे।
आज इस लेख में हम आपको ‘नेताजी भवन’ के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले है। नेताजी भवन, सुभाष चंद्र बोस का घर था। सुभाष चंद्र बोस के नाम पर ही उन्होंने अपने घर का नाम नेताजी भवन रखा था। अतः आपसे निवेदन है कि आप इस लेख को पूरा पढ़िए।
इस लेख में आपको नेताजी भवन से सम्बंधित पूरी जानकारी प्रदान की है। इस लेख में जो जानकारी प्रदान की गई है, वह इंटरनेट पर कहीं भी मौजूद नहीं है। तो चलिए शुरू करते है:- नेताजी भवन (कोलकाता) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी | Netaji Bhawan Kolkata.
नेताजी भवन (कोलकाता) | Netaji Bhawan Kolkata
नेताजी भवन, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता शहर में स्थित है। नेताजी भवन तीन मंजिल की ऊंची ईमारत है। जो कि एल्गिन रोड पर स्थित है। नेताजी भवन के एक निजी संपत्ति होने के कारण इस पर उनके परिवार का हक था।
लेकिन उनके परिवार के सदस्य ‘शरत चंद्र बोस’ ने इस भवन को राष्ट्र व सरकार को समर्पित कर दिया। उसके बाद से नेताजी भवन एक सरकारी संपत्ति है।
नेताजी भवन (कोलकाता) संग्रहालय | Netaji Bhawan (Kolkata) Museum
नेताजी भवन में ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस’ के जीवनकाल से जुड़ी हुई अनेकों वस्तुएँ मौजूद हैं। इस भवन को देखने के लिए देश-विदेश के बहुत से पर्यटक हर वर्ष यहां आते हैं। नेताजी की निजी इस्तेमाल में आने वाली वस्तुओं को देखकर पर्यटक अत्यंत रोमांचित हो जाते हैं।
नेताजी भवन में प्रवेश करते ही वेंडरर की बीएलए 716 नंबर की कार दिखाई देती है। इस कार में बैठकर ही ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस’ कोलकाता से गोमो की तरफ भागे थे। कार के पास में ही ‘आजाद हिंद फौज’ का शहीद स्मारक भी है:- ‘इत्तेफाक’, ‘इत्तमाद’ और ‘कुर्बानी’।
इस स्मारक के बिलकुल सामने की तरफ लकड़ी की सीढ़ियां हैं। इन सीढ़ियों पर चढ़कर प्रथम तल पर जाया जा सकता है। प्रथम तल पर ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस’ का शयन कक्ष है। जिस स्थिति में नेताजी अपने शयन कक्ष को छोड़कर गए थे, बिलकुल उसी स्थति में वह कक्ष संरक्षित है।
उनके शयन कक्ष में एक पलंग है और उस पलंग पर एक कंबल लपेटा हुआ है। सलीके से चादर बिछाई गई है। पलंग के पास में नेताजी के जूते-चप्पल हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के इस कमरे में उनका कोट, कपड़े, घड़ी, पुरानी तस्वीरें, और यहां तक कि आयुर्वेदिक दवाइयां भी मौजूद हैं।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के इस शयन कक्ष के पास में ही शरत चंद्र बोस का शयन कक्ष भी है। इसके अलावा इस भवन के इसी तल पर नेताजी का कार्यालय कक्ष है। यह कक्ष कांग्रेस अध्यक्ष रहने के दौरान नेताओं से भरा रहता था। नेताजी जिस मेज़ पर किया काम करते थे।
उसके साथ कुर्सियां और किताब की दो अलमारियां भी यहां करीने से संरक्षित कर यहां रखी गई हैं। द्वितीय तल (सबसे ऊपरी मंजिल) पर संग्रहालय है। इस संग्रहालय की स्थापना नेताजी रिसर्च ब्यूरो ने की थी।
नेताजी के जीवन-कार्य से संबंधित बहुत सी तस्वीरें, अखबारी कतरनें और अन्य दस्तावेज भी यहां पर मौजूद हैं। नेताजी के कपड़े और देश-विदेश में उपहार में मिली हुई वस्तुएँ भी यहाँ पर रखी हुई हैं। ऑडियो स्क्रीन पर नेताजी के भाषण लगातार दिखाए जाते हैं।
यहां पर ‘जानकी नाथ बोस’ की डायरी का एक पन्ना भी है। इस पन्ने में ‘सुभाष चंद्र बोस’ के जन्म का वृतांत लिखा हुआ है। इसके अलावा यहां पर जानकी नाथ के द्वारा लिखित वे पत्र भी हैं। जिनमें सुभाष चंद्र बोस के विकास क्रम का वर्णन है।
नेताजी भवन के इस संग्रहालय को 23 जनवरी नया रूप दिया गया। नेताजी भवन में उनकी जयंती के अवसर पर ‘नेताजी एंड इंडियाज फ्रीडम’ नामक वृत्तचित्र दिखाया जाता है। नेताजी का एक पैतृक भवन कोलकाता से कुछ दूर दक्षिण 24 परगना के कोदालिया स्थित ‘नेताजीर पैतृक वास स्थल’ भी है।
नेताजी के उस पैतृक स्थल को भी उनकी जयंती के अवसर पर सजाया जाता है। उस घर में नेताजी का शयन कक्ष प्रत्येक वर्ष 23 जनवरी के दिन आम जनता के दर्शन के लिए खोल दिया जाता है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जानकीनाथ भवन | Jankinath Bhawan
उड़ीसा स्थित कटक नामक स्थान देश-विदेश के पर्यटकों के बीच काफी ज्यादा मशहूर है। यहां पर देखने लायक कईं स्थान है। इन दर्शनीय स्थानों में नंदनकनन जूलॉजिकल पार्क, बारबती किला और अनशुपा लेक मुख्य हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत देश के महान क्रांतिकारी ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस’ की जन्मस्थली भी यहीं पर मौजूद है। सुभाष चंद्र बोस का जन्म कटक में हुआ था। नेताजी सुभाष चंद्र बोस, कटक के जिस घर में रहते थे। उसका नाम था:- जानकीनाथ भवन।
बाद में जानकीनाथ भवन को एक संग्रहालय में बदल दिया गया था। प्रत्येक वर्ष देश-विदेश से पर्यटक इस संग्रहालय को देखने आते हैं। यहां पर सुभाष चंद्र बोस के जीवनकाल का पूरा सामान ज्यों का त्यों रखा हुआ है।
बोस के घर के बैठक कक्ष को गैलरी में बदल में दिया गया है। जहां पर उनकी निजी चीजों से लेकर अन्य सामान को प्रदर्शनी के तौर पर लगाया गया है। इस गैलरी में बोस के लिखे वे 22 खत भी प्रदर्शित किए गए हैं। ये खत उन्होंने कभी अपने परिजनों को लिखे थे।
सुभाष चंद्र बोस का घोड़ा-गाड़ी
नेताजी के इस संग्रहालय में वह घोड़ा-गाड़ी भी मौजूद है, जिसका इस्तेमाल सुभाष चंद्र बोस और उनका परिवार करता था। इस पूरे संग्रहालय को नेताजी के जन्मदिन के अवसर पर सजाया जाता है और रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया जाता है।
जानकीनाथ भवन तक कैसे पहुंचें? | How To Reach Jankinath Bhawan
अगर आप जानकीनाथ भवन जाना चाहते है तो आपको हवाई जहाज़ के माध्यम से भुवनेश्वर जाना होगा। इसके बाद आप भुवनेश्वर से कटक के लिए बस ले सकते हैं। लगभग आधे घंटे के पश्चात आप कटक पहुंच जाएंगे। नई दिल्ली से सीधा कटक जाने के लिए आप रेलगाड़ी का सहारा भी ले सकते हैं।
नेताजी भवन (कोलकाता) का प्रवेश शुल्क (Netaji Bhawan Entry Fee/Ticket Price)
विद्यार्थी | 2 रूपये |
व्यस्क | 5 रूपये |
नेताजी भवन (कोलकाता) का कार्यालय फोन नंबर | Netaji Bhawan (Kolkata Phone Number)
033 2486 8139 |
नेताजी भवन (कोलकाता) का पता | Netaji Bhawan (Kolkata) Address
38/2, लाला लाजपत राय (एल्गिन) सरानी, श्रीपल्ली, भवानीपोर, कोलकाता, पश्चिम बंगाल, 700020, भारत |
नेताजी भवन (कोलकाता) के खुलने और बंद होने का समय | Netaji Bhawan (Kolkata) Timings
दिन | समय |
सोमवार | बंद |
मंगलवार | 11:00 AM – 4:30 PM |
बुधवार | 11:00 AM – 4:30 PM |
गुरुवार | 11:00 AM – 4:30 PM |
शुक्रवार | 11:00 AM – 4:30 PM |
शनिवार | 11:00 AM – 4:30 PM |
रविवार | 11:00 AM – 4:30 PM |
टिकट काउंटर शाम 4:15 बजे बंद हो जाता है
जानकीनाथ भवन जाने के लिए अनुकूल समय | Best Time To Visit Jankinath Museum
अगर आप जानकीनाथ भवन जाना चाहते है, तो आप कभी भी जा सकते है। लेकिन सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन के अवसर पर जाना सबसे अनुकूल है।
उस समय यहाँ पर चारों तरफ रौनक और चहल-पहल रहती है। इस दिन पूरे संग्रहालय को सजाया जाता है और विभिन्न प्रकार के समारोह और रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता हैं।
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