Punjab History in Hindi : पंजाब राज्य का इतिहास:- पंजाब भारत का अभिन्न अंग व प्रसिद्ध राज्य है। क्षेत्रफ़ल में अन्य राज्यों के मुक़ाबले कम होने के बावजूद यह राज्य समृद्धि व विकास में सभी से आगे है।
पँजाब का इतिहास कुर्बानियों से भरा हुआ है और उनके इस इतिहास पर हर पंजाबी को गर्व है। भारत का इतिहास उठाने पर पता चलता है कि पंजाबियों की कम संख्या में कम होने के बावजूद उन्होंने देश की आजादी के लिए क़रीब 70 फ़ीसदी कुर्बानियां दी थी।
Punjab History in Hindi : पंजाब का इतिहास
प्रचीन समय में पंजाब राज्य भारत-ईरान का हिस्सा रहा है। मध्यकाल के समय में यह शहर मुसलमानों के अधिकार क्षेत्र में रहा। 15 से 16वीं शताब्दी के बीच में पंजाब के इतिहास में नया मोड़ आया।
इस समय गुरु नानक देव जी की शिक्षा का बहुत प्रचार-प्रसार हुआ। इस समय धार्मिक और सामाजिक आंदोलन की शुरुआत हुई। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य धर्म के लिए समाज में फैली गंदगी को दूर करना था।
पंजाब के इतिहास में अनेक सम्राटों का नाम है। किन्तु महाराजा रणजीत सिंह उन सभी में सबसे शक्तिशाली व प्रभावी थे। भारत के विभाजन के समय सन 1947 में अंग्रेजों द्वारा पंजाब का विभाजन भी किया गया था।
इस विभाजन के समय मुस्लिमों को पंजाब के पश्चिमी भाग में शामिल किया गया जबकि सिक्खों को पंजाब के पूर्वी प्रांत में शामिल किया गया। विभाजन के बाद से ही यहां दोनों गुटों मस हिंसा फैल गयी, इसलिए पंजाब का विभाजन हुआ।
पंजाब विभाजन के कुछ समय बाद सन 1966 में पंजाब का एक बार फिर से विभाजन हो गया। जिसमें तीन राज्यों का निर्माण हुआ। जिसमें पंजाब, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा है।
पंजाब में पहले के प्रान्तों को शामिल किया गया। जबकि कपूरथला, मलेरकोटला, जींद, फ़रीदकोट, पटियाला, नाभा और कलसिया नाम के प्रान्तों को नये राज्यों की सूची में शामिल किया गया। जिसे The Patiyala of East Punjab State Union कहा जाता है।
इसी प्रकार हिमाचल प्रदेश की स्थापना की भी अनेक प्रान्तों के राज्यों व काँगड़ा ज़िले को मिलाकर की गयी थी। हिमाचल प्रदेश की स्थापना एक केंद्र शासित प्रदेश के रूप में की गयी थी।
यह राज्य मध्य-एशिया से ग्रीक, अफ़ग़ान और ईरान से आने वाले लोगों लोगों के लिए हमेशा से प्रवेश द्वार रहा है। पंजाब का इतिहास बहुत महत्वपूर्ण है। मुख्यतः पंजाब राज्य के इतिहास का उल्लेख यूनानी व पारसी लोगों के द्वारा किया जाता है।
पंजाब एक ऐसा राज्य है जहां सबसे अधिक “सिक्ख” पाये जाते है। यहां पर अधिकतर लोग सिक्ख ही है, इसलिये पंजाब को सिक्ख-धर्म का घर कहा जाता है। पंजाब में स्वर्ण मंदिर भी है, जो सिक्खों का प्रमुख धार्मिक स्थल है। पंजाब के हर गांव में गुरुद्वारा होता है।
“Punjab” शब्द के नाम की उत्पत्ति
पंजाब राज्य का “पंजाब” एक फ़ारसी शब्द है। ‘पंज’ और ‘आब’ के मेल से बना शब्द है। इस शब्द का मतलब है:- 5 नदियों का क्षेत्र। ये 5 नदियां सतलुज, व्यास, झेलम, रावी व चिनाब नदी है। विभाजन के समय चिनाब झेलम नदी पाकिस्तान के अधिकार क्षेत्र में चली गयी।
Religion of Punjab : पंजाब का धर्म
पंजाब का मुख्य धर्म सिक्ख धर्म है। पंजाब में करीब 60 प्रतिशत लोग सिक्ख धर्म के है। सम्पूर्ण पंजाब में सिक्ख धर्म के लोग पाये जाते है। सिक्ख धर्म की उत्पत्ति गुरु नानक काल से हुई है।
यहाँ पर सिक्ख, हिन्दू व मुस्लिम धर्म के लोग मुख्यतः निवास करते है। पंजाब के कुछ इलाकों में जैन व ईसाई धर्म के लोग भी रहते है।
Language of Punjab : पंजाब की भाषा
सिक्खों के अलावा यहाँ का दूसरा सबसे बड़ा धर्म “हिन्दू-धर्म” है। यहां की क्षेत्रीय भाषा “पंजाबी-भाषा” है।
यहां के लोग सदा खुश रहते है और हमेशा मस्त व प्रसन्न रहने में विश्वास रखते है। पंजाबी लोग विभिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेकर जीवन का भरपूर लुत्फ़ व आंनद लेते है।
Festivals of Punjab : पंजाब के त्यौहार व उत्सव
अनेक प्रकार के भोजन व नाच-गाने का शौक पंजाबियों को सबसे अलग बनाता है। पंजाब के मुख्य त्यौहार लोहड़ी, वैसाखी, बंदी छोर दिवस, मेला माघी, होला मोहल्ला, राखी, बसंत और तीज है।
पंजाब में इन उत्सवों के साथ-साथ देश के उत्सव भी बड़े धूम-धाम से मनाये जाते है। तो दोस्तों, आज हम जानेंगे पँजाब राज्य का इतिहास व इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण रोचक जानकारियां।
Industries of Punjab : पंजाब के उद्योग
पंजाब में कईं उद्योग जैसे- मशीन-टूल, टेक्सटाइल, सिलाई-मशीन, खेल के समान, पर्यटन, चीनी, साइकिल, वस्त्र आदि मौजूद है। पंजाब की स्थापना 1 नवंबर, सन 1966 में हुई थी।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में यह दावा किया जाता है कि पंजाब ही वो जगह है, जहां सिंधु-घाटी सभ्यता का उदय हुआ था।
ऐतिहासिक समय की गयी पुरातात्विक खुदाई में यह साफ हुआ है कि सिंधु-घाटी सभ्यता के हड़प्पा व मोहनजोदड़ो शहर पंजाब का ही प्रमुख हिस्सा थे।
Capital of Punjab : पंजाब की राजधानी
पंजाब राज्य की राजधानी चंडीगढ़ है। राजधानी चंडीगढ़ को भारत का सबसे योजनाबद्ध शहर माना जाता है।
इस शहर की संस्कृति व सभ्यता को देखने व जानने के लिए विश्व के सभी कोनों से पर्यटक यहां पर आते है। इस शहर की संरचना व बनावट को भारत में सबसे अच्छा माना जाता है।
Main Tourist Places of Punjab : पंजाब के मुख्य पर्यटन स्थल
पंजाब पर्यटन के मुख्य पहलू संस्कृति व सभ्यता है। पंजाब में पर्यटन के रूप में गोविंदगढ़ किला, किला मुबारक व शीशमहल महत्वपूर्ण है। इन सभी से पंजाब की खूबसूरती में चार चाँद लग जाते है। पंजाब कद कुछ पर्यटन स्थल निम्न है:-
- स्वर्ण मंदिर
- जगतजीत महल
- रॉक गार्डन
- भटिंडा प्राणी उद्यान
- बीर मोटी बाघ अभ्यारण
- सरदार भगतसिंह म्यूजियम
- नूरपुर किला
- महाराजा रणजीत सिंह म्यूजियम
Dance of Punjab : पंजाब का नृत्य
पंजाब का मुख्य नृत्य “भांगड़ा” है। पहले के समय में फ़सल कटने के दौरान यह नृत्य किया जाता था। लेकिन इसकी विशेष पहचान के कारण भांगड़ा नृत्य को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल गयी।
सिक्ख-धर्म का उदय व विकास
पंजाब में 15 से 16वीं शताब्दी के मध्य सिक्ख-धर्म का उदय हुआ। पंजाब में सिक्ख-धर्म की स्थापना गुरु नानक देव जी ने की थी। गुरु नानक देव जी को सिक्ख धर्म का पहला गुरु माना जाता है।
उन्होंने उस समय सिक्ख धर्म का बहुत से प्रचार-प्रसार किया। सम्पूर्ण जीवनकाल में उन्होंने लोगों को अहिंसा, परोपकार व सत्यता का पाठ पढ़ाया।
Districts of Punjab : पंजाब के ज़िले
पंजाब राज्य में कुल 22 ज़िले शामिल है। पंजाब के जिलों को 3 क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। जिनका नाम क्रमशः मालवा, माझा व दोआबा क्षेत्र है।
1. मालवा क्षेत्र
मालवा क्षेत्र में पंजाब के कुल 11 ज़िले सम्मिलित है। जिनमें मोहाली, लुधियाना, फ़िरोजपुर, फतेहगढ़ साहब जिला, फ़रीदकोट, मानसा जिला, शहीद भगत सिंह जिला, रूपनगर, संगरूर, भटिंडा और पटियाला है।
2. माझा क्षेत्र
माझा क्षेत्र में पंजाब राज्य के कुल 7 ज़िले शामिल है। जिनमें पठानकोट, फाजिलका, बरनाला, मोगा, तरन-तारन, अमृतसर और गुरदासपुर है।
3. दोआबा क्षेत्र
दोआबा क्षेत्र में पंजाब राज्य के कुल 4 ज़िले शामिल है। जिनमें होशियारपुर, मुक्तसर, कपूरथला और जालंधर शामिल है।
सिक्ख धर्म के गुरु
सिक्ख-धर्म में कुल 10 गुरु है। जिनमें गुरु नानक देव जी पहले गुरु है। सिक्ख-धर्म के सभी गुरुओं की सूची इस प्रकार है:-
- गुरु नानक देव जी
- गुरु अंगद देव जी
- गुरु अमर दास जी
- गुरु राम दास जी
- गुरु अर्जुन देव जी
- गुरु हरगोविंद जी
- गुरु हर राय जी
- गुरु हर किशन जी
- गुरु तेग़ बहादुर जी
- गुरु गोबिंद सिंह जी
Economy of Punjab : पंजाब की अर्थव्यवस्था
पंजाब की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है। यहां उगाई जाने वाली मुख्य फसलों में चावल व गेंहू मुख्य फ़सल है। पंजाब को भारत का अन्न का भंडार भी कहा जाता है।
पंजाब में उगाई जाने वाली अन्य फसलों में चावल, कपास, गन्ना, बाजरा, मक्का, चना व अन्य सब्जियों की पैदावार बहुतायत में की जाती है। पंजाब की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है।
वैश्विक स्तर पर ये फसलें विश्व की कुल 3 प्रतिशत होती है। पंजाब में भारत के कुल गेंहू उत्पादन का 60 प्रतिशत और चावल का 40 प्रतिशत होता है।
Film Industry of Punjab : पंजाब का फ़िल्म उद्योग
Punjab Film Industry भारत में सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाली है। Bollywood की बेहद शानदार फ़िल्म “रंग दे बसंती” की शूटिंग पंजाब के “दोहरा किले” में हुई थी।
इस Film की ख़ूब सफलता के बाद इस किले का नाम “रंग दे बसंती किला” कर दिया गया था। सबसे पहली Punjabi Film सन 1936 में बनाई गयी थी। पंजाबी फिल्मों को Pollywood कहा जाता है।
Staple Food of Punjab : पंजाब का प्रमुख भोजन
वैसे तो पंजाब में बहुत से प्रकार के भोजन प्रसिद्ध है। पंजाबी लोग भोजन-प्रिय लोग होते है। भोजन के लिए पंजाब सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है। पंजाब का मुख्य भोजन मक्के की रोटी और सरसों का साग (सब्जी) है।
पेय पदार्थों में पंजाब की लस्सी पूरे भारत में प्रसिद्ध है। विदेशी हमलावरों को भारत में हमला करने के लिए पंजाब से होकर गुजरना पड़ता था, इसलिये पंजाब को ही भारत का प्रवेश-द्वार कहा जाता था।
पंजाब को भारत की तलवार भी कहा जाता है। क्योंकि यहां के लोग बहुत बहादुर व शक्तिशाली है। अंग्रेजों के साथ पंजाबियों ने बहुत से महत्वपूर्ण युद्ध लड़े है। इसलिए इतिहास में भारत की रक्षा के लिए पंजाबियों की भूमिका अहम मानी जाती है।
Golden Temple of Punjab : पंजाब का स्वर्ण मंदिर
पंजाब में स्थित स्वर्ण मंदिर यहां का सबसे बड़ा स्वर्ण मंदिर है। यह मंदिर सोने का जगमगाता मंदिर है। स्वर्ण मंदिर को पंजाब की शोभा माना जाता है।
इस मंदिर की दीवारों व कलशों पर सोने की परतें चढ़ी हुई है। मंदिर के परिसर में Central Sikkh Museum (केंद्रीय सिक्ख संग्रहालय) है। जहां पर अनेक कलाकृतियां व पेन्टिंग्स सुरक्षित रखी हुई है।
मोतीबाग महल
मोतीबाग महल पंजाब के पटियाला शहर में स्थित है। इस महल का निर्माण 19वीं शताब्दी में हुआ था। यहां पर एक आर्ट-गैलरी भी मौजूद है।
फ़तेह बुर्ज
बात जब देश की सबसे ऊँची ऐतिहासिक इमारतों की होती है तो लोग कुतुबमीनार का नाम लेते है। हक़ीक़त में ऐसा नही है, पंजाब के मोहाली शहर के “चप्पड़चिड़ी” गांव में कुतुबमीनार से भी ऊँचा स्मारक है जिसे फ़तेह बुर्ज कहा जाता है।
पंजाब की विधानसभा की ईमारत ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित है। इस ईमारत को बनाने में कुल 1 करोड़ 40 लाख की लागत आयी थी।
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